White गम ए रुसवा होकर हम चले,
पता नहीं हम कहां चले।
मंजिल का कोई पता नहीं
ये बेदर्द जमाना हम छोड़ चले,
किसी ने नहीं लगाया हमें गले।
छांव मिले या धूप मिले,
इस सुंदर आसमान तले।
परेशानियों को हम छोड़ चले,
दीवाना सा बनकर हम चले।
अकेले आए थे
और अकेले चले,
भूली बिसरी यादों को
साथ लिए चले।
©Shishpal Chauhan
#अकेलापन 😌