"लोगों से वादे कम से कम और
बहुत सोच-समझ कर किया कीजिए।
या फ़िर सिर्फ़ वही वादे कीजिए जिन्हें आप पूरा कर सकते हैं
या पूरा करने की नीयत और हैसियत भी रखते हैं।
क्यूॅंकि आपके औरों से किए गए हर वादे पर
आख़िरत में रब की तरफ़ से सवाल ज़रूर होगा ।
इसलिए कोशिश करें कि किसी से कोई वादा ही ना करें
और करना ही पड़े अगर तो उस वादे को निभाने की
अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करें।
©Sh@kila Niy@z
"