"Vishnu Bhagwan शून्य से शुरू ये संसार शून्य पर है अंत
प्रकृति,जीव और मानव सभी बसते इस जग में आदि से अनंत
शून्य से चलता जगत सारा शून्य पर भस्म
रह गए सभी के कुछ अनसुलझे भ्रम
युगो-युगो से राम-कृष्ण ने दूर किए सभी भ्रम
क्या सतयुग क्या द्वापर क्या त्रेता
कलयुग में बस रह गया सबके मन में हम हम हम
©Payal Suri Sabharwal"