इन सारे झमेलों से मैं वाक़िफ़ हूँ अज़ल से दिखला न | हिंदी शायरी Video

"इन सारे झमेलों से मैं वाक़िफ़ हूँ अज़ल से दिखला न मुझे हिज्र की ये कश्फ़-ओ-करामात ये पेड़ तिरी याद से सरसब्ज़ हुआ है झड़ सकते नहीं इस के किसी तौर कभी पात ©Andy Mann "

इन सारे झमेलों से मैं वाक़िफ़ हूँ अज़ल से दिखला न मुझे हिज्र की ये कश्फ़-ओ-करामात ये पेड़ तिरी याद से सरसब्ज़ हुआ है झड़ सकते नहीं इस के किसी तौर कभी पात ©Andy Mann

#पर तिरी

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