आसमान इतनी बुलंदी पे जो इतराता हैं
भूल जाता है ज़मीन से नज़र आता हैं
जो करते हैं अपने माँ बाप की सेवा बिना किसी मतलब के
उनकी आँखों में मुझे आज भी इंसान नज़र आता हैं
कुछ लोग गलत तरीका अपनाते हैं कामयाबी पाने के लिए
मुझे ख़ुदा की पनाह में ज़िन्दगी का सफ़र आसान नज़र आता हैं
सब लगे हैं एक दूसरे से आगे बढ़ने की दौड़ में
दुनिया में हर कोई परेशान नज़र आता हैं
आ गए हम सब शहर पैसा कमाने के लिए
मुझे आज भी ख्वाबो में मेरे गांव का मकान नज़र आता हैं
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©Sethi Ji
♥️🌟 ज़िन्दगी की रीत 🌟♥️
ज़िन्दगी की ऐसी रीत हो
हर हार के बाद जीत हो ।।
जो छू जाए मेरे दिल को बिना छुए मेरे बदन को