ज़माने की क्या अवकात जो हमें बेड़ियों में डाल सके,

"ज़माने की क्या अवकात जो हमें बेड़ियों में डाल सके, पर क्या करें लब्ज़ ही ऐसे शख़्स के थे कि हमनें ख़ुद ही पहन लीं।"

 ज़माने की क्या अवकात जो हमें बेड़ियों में डाल सके,
पर क्या करें लब्ज़ ही ऐसे शख़्स के थे कि हमनें ख़ुद ही पहन लीं।

ज़माने की क्या अवकात जो हमें बेड़ियों में डाल सके, पर क्या करें लब्ज़ ही ऐसे शख़्स के थे कि हमनें ख़ुद ही पहन लीं।

#लब्ज़

People who shared love close

More like this

Trending Topic