तुझे क्या कहूँ, हुस्न-ए-जहाँ की नूर है। तू चाँद नह | हिंदी शायरी

"तुझे क्या कहूँ, हुस्न-ए-जहाँ की नूर है। तू चाँद नही, चाँद तेरा साया जरूर है।"

 तुझे क्या कहूँ, हुस्न-ए-जहाँ की नूर है।
तू चाँद नही, चाँद तेरा साया जरूर है।

तुझे क्या कहूँ, हुस्न-ए-जहाँ की नूर है। तू चाँद नही, चाँद तेरा साया जरूर है।

People who shared love close

More like this

Trending Topic