हमें भूलने के लिए तुम्हें एक शाम काफ़ी है , और मेर | हिंदी Shayari Vid

"हमें भूलने के लिए तुम्हें एक शाम काफ़ी है , और मेरे आंखों में आसूं के लिए तुम्हारा नाम काफ़ी हैं; अभी घुमने को तो चारों धाम बाकी है, अरे याद कर लो हमे, भूलने को तो पूरी शाम बाकी है! ©Aman Sri "

हमें भूलने के लिए तुम्हें एक शाम काफ़ी है , और मेरे आंखों में आसूं के लिए तुम्हारा नाम काफ़ी हैं; अभी घुमने को तो चारों धाम बाकी है, अरे याद कर लो हमे, भूलने को तो पूरी शाम बाकी है! ©Aman Sri

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