दर्द की अनुभूति का भूगोल कोई क्या लिखेगा, बाँसुरी | हिंदी शायरी

"दर्द की अनुभूति का भूगोल कोई क्या लिखेगा, बाँसुरी की वेदना के बोल कोई क्या लिखेगा, रास लीला कृष्ण की लिखना बहुत आसान लेकिन, गोपियों के आँसुओं के मोल कोई क्या लिखेगा। ©Kusum Nishad"

 दर्द की अनुभूति का भूगोल कोई क्या लिखेगा, बाँसुरी की वेदना के बोल कोई क्या लिखेगा, रास लीला कृष्ण की लिखना बहुत आसान लेकिन, गोपियों के आँसुओं के मोल कोई क्या लिखेगा।

©Kusum Nishad

दर्द की अनुभूति का भूगोल कोई क्या लिखेगा, बाँसुरी की वेदना के बोल कोई क्या लिखेगा, रास लीला कृष्ण की लिखना बहुत आसान लेकिन, गोपियों के आँसुओं के मोल कोई क्या लिखेगा। ©Kusum Nishad

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