White मुझे नहीं पता था कि मैं क्यों लिखती हूँ मन | हिंदी कोट्स Video

"White मुझे नहीं पता था कि मैं क्यों लिखती हूँ मन में जो भाव आते मैं उसको लिखती चली जाती थी धीरे धीरे मेरे जीवन का एक पहलू बन गया लिखना मेरे मन और मेरे कलम की जैसे दोस्ती हो गयी हो दोनो ही बड़े सरलता से मुझे लिखते.. बदलते समय के साथ मुझे अब पता चला कि मैं क्यों लिखती हूँ और क्यों मैंने कलम को ही अपना साथी चुना जब भीड़ में होके भी खुद को तन्हा पाया होगा हर्ष, करुणा जैसी वेदनाओ को सुनने, समझने वाला कोई नहीं रहा होगा तब अपनी वेदनाओ को मैंने उतारा होगा और मन को हल्का किया होगा शायद तब मैंने कलम को अपना साथी माना होगा ©Kajal Singh "

White मुझे नहीं पता था कि मैं क्यों लिखती हूँ मन में जो भाव आते मैं उसको लिखती चली जाती थी धीरे धीरे मेरे जीवन का एक पहलू बन गया लिखना मेरे मन और मेरे कलम की जैसे दोस्ती हो गयी हो दोनो ही बड़े सरलता से मुझे लिखते.. बदलते समय के साथ मुझे अब पता चला कि मैं क्यों लिखती हूँ और क्यों मैंने कलम को ही अपना साथी चुना जब भीड़ में होके भी खुद को तन्हा पाया होगा हर्ष, करुणा जैसी वेदनाओ को सुनने, समझने वाला कोई नहीं रहा होगा तब अपनी वेदनाओ को मैंने उतारा होगा और मन को हल्का किया होगा शायद तब मैंने कलम को अपना साथी माना होगा ©Kajal Singh

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