White हर वक्त सोचता हूं,की जिंदगी में
कब कमी पूरी होगी
इच्छाओं पर अंकुश लगता नहीं
बस जिंदगी अधूरी सी लगती है
वक्त भी सोचता होगा, की क्या
मुनासिब हो सकेगा, इसकी
कमीं को भला कौन पूरा कर सकेगा ,
मानव मन बड़ा गूढ़ रहस्यों से भरा है
पास मैं सब कुछ है, यूं तो कहने को ,
फिर भी देख, दूसरों के सुख को ,
अपना सुख चैन भुला बैठा है ,
मन व्यथित हो जाता है,अपना सब
कुछ कहां भाता है, असंतोष जीवन को
घेर लेती है,और जीवन संघर्षों में
डूब जाता है,
जीवन पर्यन्त यहीं चक्र चलता रहता है,
फिर भी इंसा कहां सुखी रहता है,
ख़्वाब उसके वजूद से ज्यादा है, और
उम्र हर ख्वाब से आधा है
©पथिक..
#Hope