कुछ किस्से नए लिखते है.....
नई रोशनी को जीबन में भरकर.....!
तंगहाली उलझनें सब पीछे छोड.....!!
जीबन को नए सांचे में डालते है....!!!
सुबह ही जिंदगी से भरभूर....
महकती कलियो हर शाम लिखते है...!!!!
बंद हुए दरबाजो को खोल....
उम्र की जंग पर,फिर नया रंग छिडकते है.....!!!!!
ना तेरा ना मेरा, सिर्फ हम की फिर खुशबू,सा महकते है....
चल कुछ नए किस्से लिखते है....
©Rameshkumar Mehra Mehra
# कुछ किस्से नए लिखते है,नई रोशनी को जीबन मे भरकर....