ये महरूमियाँ है या फंदा है मेरा, तुम्हें तो तग़ाफ़ | हिंदी शायरी

"ये महरूमियाँ है या फंदा है मेरा, तुम्हें तो तग़ाफ़ुल ने मारा न होगा। ©Khwaab दिल्ली वाले"

 ये महरूमियाँ है या फंदा है मेरा,
तुम्हें तो तग़ाफ़ुल ने मारा न होगा।

©Khwaab दिल्ली वाले

ये महरूमियाँ है या फंदा है मेरा, तुम्हें तो तग़ाफ़ुल ने मारा न होगा। ©Khwaab दिल्ली वाले

#Parchhai @Akeel Qureshi @Faani_official Turbat

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