तू लिखेगा डाह
मै लिखूंगा वाह
तेरी बस यही चाह
सब चले, तेरी राह
जिसको दुनियां कहेगी फूल
तू उसको भी कहेगा शूल
मत पाल इतना अहंकार
कर थोड़ा खुद पर विचार
धार्मिक बन, पर न जुड़ धर्म से
दुनियां चलती है केवल कर्म से
मै चलूँ दो कदम, तू भी बड़ा दो कदम
यूँ चल कर सकते है हम, दूरियां कम.
अच्छा नहीं, हर बात पर मिटना मिटाना
वक्त है अभी भी, आओ बचा लें अपना ठिकाना
इंसानियत को समर्पित
©Kamlesh Kandpal
#Insaniyat