White तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है | हिंदी शायरी

"White तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है ©प्रेम कुमार रावत"

 White तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त
 इतनी जालिम है
हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना 
याहा से रवाना हो पा रहे है

©प्रेम कुमार रावत

White तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त इतनी जालिम है हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना याहा से रवाना हो पा रहे है ©प्रेम कुमार रावत

#City तेरी शहर की ये मौसम कम्बख़्त
इतनी जालिम है
हम यहाँ के हो भी नही पा रहे ना
याहा से रवाना हो पा रहे है

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