परिवर्तन संसार का नियम है परंतु अस्थायी परिवर्तन विकल भावों की परिकल्पना है,
परिवर्तन के सार के इस इतिहास में सृष्टि के रचयिता ने,
जीवन के नैतिक मूल्यों का निर्वहन करने के साथ ,
अपने व्यवहार व विचार पर अपनी कृति बनाए रखने का भी संदेश दिया है।
विचार प्रबल प्रवाह के साथ निश्चित दिशा में, निश्चित दौर के साथ सुलभ गुणों वाले भी होने चाहिए।
तथा व्यवहार स्व भावना से विहीन स्वार्थपरता से सुसज्जित होने चाहिए।
©Unnati Upadhyay
#परिवर्तन के सार की अभिकल्पना वैकल्पिक नहीं सृजनात्मक है...😌😌@Balwinder Pal @Maaahi.. @poonam atrey @Alpha_Infinity @MohiTRocK F44