सब ख़त्म हुआ बस एक यही बातों से
की तूने मेरा किस्सा आम किया है
नफरत की कोई वजह नहीं थी
मगर दूरी इक़ख़्तियार करने मे तूने
हमें मजबूर किया है
ज़ालिमना अंदाज़ तेरा कभी नहीं भूलेंगे हम
नाक़द्र है तू क्या जाने मेरी मुहब्बत को
कितना हम ने तुझे प्यार किया है
©NIKHAT (अलफ़ाज़ जो दिल को छू ले )