किसी की याद का अनसुना पहलू बन जाना, बहुत आसान नही | हिंदी शायरी

"किसी की याद का अनसुना पहलू बन जाना, बहुत आसान नही होता है टूट के बिखर जाना। इश्क़ करो अगर अब तो याद रखना हश्र अपना, वो निकले है फिर ,देखो इस बार सम्हल जाना। ©The blankdotts"

 किसी की याद का अनसुना पहलू बन जाना,
बहुत आसान नही होता है टूट के बिखर जाना।
इश्क़ करो अगर अब तो याद रखना हश्र अपना,
वो निकले है फिर ,देखो इस बार सम्हल जाना।

©The blankdotts

किसी की याद का अनसुना पहलू बन जाना, बहुत आसान नही होता है टूट के बिखर जाना। इश्क़ करो अगर अब तो याद रखना हश्र अपना, वो निकले है फिर ,देखो इस बार सम्हल जाना। ©The blankdotts

किसी की याद का अनसुना पहलू बन जाना,
बहुत आसान नही होता है टूट के बिखर जाना।
इश्क़ करो अगर अब तो याद रखना हश्र अपना,
वो निकले है फिर से,देखो इस बार सम्हल जाना।
#azadlove

#intimacy

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