"कहाँ से आऐ थे कहाँ क़ो जाऐगे
एक दिन हम भी अपने पूर्वजो की
तरह मिट्टी मे मिल जाऐगे इस दुनियां
से उड़नछू हो जाऐगे, कुछ नहीं बचेगा
ना शरीर ना रुतबा, दौलत, सुंदरता सब
यही धरे के धरे रह जाऐगे हे मानव अच्छे
कर्म कर और फल पा शायद वो कर्म के
फल तुझे किसी और जन्म मे काम आऐगे
क्यो कि धरती पर ही सब लौटते हैं जन्म
लेते हैं ये जन्मो जन्म का चक्कर चलता
रहता हैं पर किसी क़ो याद नहीं रहता कुछ
बिरले ही होते हैं जो पुनर्जन्म याद रख पाते
हैं बाकी इस चलती फिरती दुनियां मे आते
जाते हैं और जन्म लेते और मरते जाऐगे..
©PФФJД ЦDΞSHI
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