मेरे अल्फाज़ो को सुनकर, जिनको कल सुकून मिलते थे। आ | हिंदी शायरी

"मेरे अल्फाज़ो को सुनकर, जिनको कल सुकून मिलते थे। आज मेरे ही आवाज़ो से, नफ़रत करते हैं। ©Vicky Kumar Anand"

 मेरे अल्फाज़ो को सुनकर,
 जिनको कल सुकून मिलते थे।
आज मेरे ही आवाज़ो से, 
नफ़रत करते हैं।

©Vicky Kumar Anand

मेरे अल्फाज़ो को सुनकर, जिनको कल सुकून मिलते थे। आज मेरे ही आवाज़ो से, नफ़रत करते हैं। ©Vicky Kumar Anand

मेरे #अल्फाज़ो को सुनकर,
जिनको कल सुकून मिलते थे।
आज मेरे ही #आवाज़ो से,
नफ़रत करते हैं।
#lost #Nojoto @Sujata jha दिव्य मनोरथ कवि विशाल शिव @Meghna kapoor Smileee_vijuuu💕

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