कभी कभी ज़िंदगी की भीड़ से निकल कर खुद के साथ जी | हिंदी शायरी Video

"कभी कभी ज़िंदगी की भीड़ से निकल कर खुद के साथ जीना काफ़ी बेहतर सा लगता हैं, क्या हैं न की, ये के लोगो की बातें, उनकी अदाएं सब अब एक मोह का जाल सा लगता है लोगों का ये कटाक्ष व्यव्हार मेरे प्रति ये सब अब एक चुभन सा महसूस होता है ये सब त्याग अब कुछ लम्हें बस सुकूं के चाहिए 🍁🍃❣️ ©Anjali yadav (Aaru) "

कभी कभी ज़िंदगी की भीड़ से निकल कर खुद के साथ जीना काफ़ी बेहतर सा लगता हैं, क्या हैं न की, ये के लोगो की बातें, उनकी अदाएं सब अब एक मोह का जाल सा लगता है लोगों का ये कटाक्ष व्यव्हार मेरे प्रति ये सब अब एक चुभन सा महसूस होता है ये सब त्याग अब कुछ लम्हें बस सुकूं के चाहिए 🍁🍃❣️ ©Anjali yadav (Aaru)

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