White ज़हर
मेरी चाहते तुम से अलग कब है,
दिल की बाते तुमसे छुपी कब है,
तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह,
फिर ज़िंदगी को सांसो की ज़रूरत कब है
यूं ही चलते चलते एक दुनिया सी बना लेती हूं
छोटी छोटी ख्वाहिशों को अपने दिल में दबा लेती हूं
ढूंढती फिरती हूं, हर शाम उस चेहरे को
और शाम ढलते ही उसे इस दिल में छुपा लेती हूं
©ज़हर
ज़हर
मेरी चाहते तुम से अलग कब है,
दिल की बाते तुमसे छुपी कब है,
तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह,
फिर ज़िंदगी को सांसो की ज़रूरत कब है