बदलेंगे शहरों से ठिकाने मेरे कोई आके तो बैठे सिरहा | हिंदी Shayari

"बदलेंगे शहरों से ठिकाने मेरे कोई आके तो बैठे सिरहाने मेरे काश कोई रोक पाता दीवानगी मेरी वो क्या रोकेंगे जो है दीवाने मेरे मैं शिद्दत से निभाना चाहता हूँ रिश्ता हाय..पर आड़े आ जाते है बहाने मेरे तू आज भी सो नहीं पाती सुकूँ से  जब तक ना सुने तू पुराने गाने मेरे तुझे लगता है किस्मत से हुई है कामयाब तू पगली असर दिखाया है आज दुआ ने मेरे पैगाम आया है तो निकलना पड़ेगा ही याद किया है वैसे आज खुदा ने मेरे सुरेश पवार ©suresh pawar"

 बदलेंगे शहरों से ठिकाने मेरे
कोई आके तो बैठे सिरहाने मेरे

काश कोई रोक पाता दीवानगी मेरी
वो क्या रोकेंगे जो है दीवाने मेरे


मैं शिद्दत से निभाना चाहता हूँ रिश्ता
हाय..पर आड़े आ जाते है बहाने मेरे


तू आज भी सो नहीं पाती सुकूँ से 
जब तक ना सुने तू पुराने गाने मेरे


तुझे लगता है किस्मत से हुई है कामयाब तू
पगली असर दिखाया है आज दुआ ने मेरे


पैगाम आया है तो निकलना पड़ेगा ही
याद किया है वैसे आज खुदा ने मेरे


सुरेश पवार

©suresh pawar

बदलेंगे शहरों से ठिकाने मेरे कोई आके तो बैठे सिरहाने मेरे काश कोई रोक पाता दीवानगी मेरी वो क्या रोकेंगे जो है दीवाने मेरे मैं शिद्दत से निभाना चाहता हूँ रिश्ता हाय..पर आड़े आ जाते है बहाने मेरे तू आज भी सो नहीं पाती सुकूँ से  जब तक ना सुने तू पुराने गाने मेरे तुझे लगता है किस्मत से हुई है कामयाब तू पगली असर दिखाया है आज दुआ ने मेरे पैगाम आया है तो निकलना पड़ेगा ही याद किया है वैसे आज खुदा ने मेरे सुरेश पवार ©suresh pawar

#fullmoon

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