मैं हर झूठी मस्कुराहट को पहचानती हूं.. मजबूरी क्या | हिंदी शायरी Video

"मैं हर झूठी मस्कुराहट को पहचानती हूं.. मजबूरी क्या होती है ये बात जानती हूं.. किसी के तसल्ली के लिए.. मैंने भी नकाब बदले हैं.. मैं चेहरे देखर हालात समझती हूं.. मै बात कम ही सही.. पर जजबात समझती हु!! 😌😌 ©Swati Sen "

मैं हर झूठी मस्कुराहट को पहचानती हूं.. मजबूरी क्या होती है ये बात जानती हूं.. किसी के तसल्ली के लिए.. मैंने भी नकाब बदले हैं.. मैं चेहरे देखर हालात समझती हूं.. मै बात कम ही सही.. पर जजबात समझती हु!! 😌😌 ©Swati Sen

jajbaat

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