महोबत को हमने अपनी दोस्ती का नाम दिया था वो छोड़ कर न चली जाए इसीलिए चुपके से दीदार किया था और पता है मुझे मेरी राहों की कोई मंज़िल नही है फिर भी मंज़िल की हमे taqueluf न है बस वो चार कदम साथ चल दे यही इल्तज़ा है ©prity my lines #directions Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto