महोबत को हमने अपनी दोस्ती का नाम दिया था वो छोड़ क

"महोबत को हमने अपनी दोस्ती का नाम दिया था वो छोड़ कर न चली जाए इसीलिए चुपके से दीदार किया था और पता है मुझे मेरी राहों की कोई मंज़िल नही है फिर भी मंज़िल की हमे taqueluf न है बस वो चार कदम साथ चल दे यही इल्तज़ा है ©prity "

 महोबत को हमने अपनी दोस्ती का नाम दिया था
वो छोड़ कर न चली जाए इसीलिए
चुपके से दीदार किया था 
और पता है मुझे 
मेरी राहों की कोई मंज़िल नही है
फिर भी 
मंज़िल की हमे taqueluf न है 
बस वो चार कदम साथ चल दे यही इल्तज़ा है

©prity

महोबत को हमने अपनी दोस्ती का नाम दिया था वो छोड़ कर न चली जाए इसीलिए चुपके से दीदार किया था और पता है मुझे मेरी राहों की कोई मंज़िल नही है फिर भी मंज़िल की हमे taqueluf न है बस वो चार कदम साथ चल दे यही इल्तज़ा है ©prity

my lines

#directions

People who shared love close

More like this

Trending Topic