White आ गयी याद शाम ढलते ही!
बूझ गया दिल चिराग़ जलते ही!
कौन था वो के फ़िर ना आया नज़र,
चला गया नया दोस्त मिलते ही!
दिल तड़पता नहीं सुलगता है,
एक ज़रा सी हवा के चलते ही!
तू जो खोया हुआ सा रेहता है,
ख्वाब सब रह गए आंख खुलते ही!
"अब न" परवेज़" तू यक़ी करना,
दोस्त जाते हैं काम बनते ही!
©Written By PammiG
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