हम तुम दोनों मिला करेंगे सीतापुर में
प्यार के चर्चे किया करेंगे सीतापुर में,
लखनऊ वाली चाय तो अब बेस्वाद हो गई
कॉफी शॉपी पिया करेंगे सीतापुर में।
कब तक सीधे रहें कब तलक नैन झुकाए
नैन मटक्का किया करेंगे सीतापुर में।
फोर व्हीलर की सीट को फौरन आग लगाओ
हम बाइक पर सफ़र करेगे सीतापुर में।
छप्पन भोग के भोग ना मुझको भाते हैं
गौरव ढाबा चला करेंगे सीतापुर में।
हजरतगंज में गंजिग करके बोर हो गई
पगडंडी पर चला करेंगे सीतापुर में।
काजू पिस्ता हरगिज भूल मैं जाऊंगी
मूंगफली तुम रोज खिलाना सीतापुर में।
अब तक चूना बहुत लगाया तुमने सबको
मेरी मांग में अब सिंदूर लगाना सीतापुर में।
तेरा चेहरा देख के अपना व्रत तोड़ेंगे
फिर चंदा को तका करेंगे सीतापुर में।
अपने जैसे संस्कार देने की खातिर
बच्चे अपने पढ़ा करेंगे सीतापुर में।
तेरी बाहों में ही अपना दम तोड़ेंगे
मर जाएंगे सांस ना लेंगे सीतापुर में।
प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर
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sitapur mein...!!
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