हम भारत के वासी चलें विजय की ओंर रात चाहे वो काली | हिंदी Poetry Video

"हम भारत के वासी चलें विजय की ओंर रात चाहे वो काली हो या नई नवेली भोर डिगे नहीं कभी पाँव हमारे चलते रहें बन सबके सहारे ले मन में उत्साह बढाकर तन का लगा के जोर हम भारत के वासी चलें विजय की ओंर ©Brijendra Singh "

हम भारत के वासी चलें विजय की ओंर रात चाहे वो काली हो या नई नवेली भोर डिगे नहीं कभी पाँव हमारे चलते रहें बन सबके सहारे ले मन में उत्साह बढाकर तन का लगा के जोर हम भारत के वासी चलें विजय की ओंर ©Brijendra Singh

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