मेरे अल्फ़ाज़ बंधे हुए है कुछ एहसानो से,
जब मिट जाऊंगा तभी चूका पाउँगा |
कोई उम्मीद नहीं मुझे इस ज़माने से,
जो मेरा फ़र्ज़ है वो निभाके ही लौट जाऊंगा
©Mukesh kumar dewangan
मेरे अल्फ़ाज़ बंधे हुए है कुछ एहसानो से,
जब मिट जाऊंगा तभी चूका पाउँगा |
कोई उम्मीद नहीं मुझे इस ज़माने से,
जो मेरा फ़र्ज़ है वो निभाके ही लौट जाऊंगा