White सारा जग बंजारा होता...
प्यार अगर थामता न पथ में उंगली इस बीमार उमर की
हर पीड़ा वैश्या बन जाती, हर आंसू आवारा होता।
निरवंशी रहता उजियाला
गोद न भरती किसी किरन की,
और ज़िन्दगी लगती जैसे-
डोली कोई बिना दुल्हन की,
दुख से सब बस्ती कराहती, लपटों में हर फूल झुलसता
करुणा ने जाकर नफ़रत का आंगन गर न बुहारा होता।
प्यार अगर...
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