ये मत समझना की हार गया मैं एक बोझ से, कुछ काम है | हिंदी कविता

"ये मत समझना की हार गया मैं एक बोझ से, कुछ काम है जरूरी इसलिए खामोश रह रहा हूँ। पीछा करूँगा ए मंज़िल अंतिम साँस तक मैं तेरी, अभी वक़्त का इन्तेज़ार कर बस आगे बढ़ रहा हूँ। Good morning @ shyam writes ©Radhe Shyam"

 ये मत समझना की हार गया मैं एक बोझ से, 
कुछ काम है जरूरी इसलिए खामोश रह रहा हूँ।


पीछा करूँगा ए मंज़िल अंतिम साँस तक मैं तेरी, 
अभी वक़्त का इन्तेज़ार कर बस आगे बढ़ रहा हूँ।
       Good morning 
      @ shyam writes

©Radhe Shyam

ये मत समझना की हार गया मैं एक बोझ से, कुछ काम है जरूरी इसलिए खामोश रह रहा हूँ। पीछा करूँगा ए मंज़िल अंतिम साँस तक मैं तेरी, अभी वक़्त का इन्तेज़ार कर बस आगे बढ़ रहा हूँ। Good morning @ shyam writes ©Radhe Shyam

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