लिखे जो खत तुझे
एक रोज़ सोचा मैने की तुझे
दिल ए इज़हार करु तुझे
कुछ अपनी कहु
बहुत कुछ तेरी सुनु
इश्क़ मै उची उदान मै भरु
चलूं तेरे साथ और तुझे देख कर आहे भरु
जो अरमान मेरे अंदर मचल रहे है
उसे इज़हार करु
कुछ किस्से कहूं और् कुछ बया करु
इस कसमकश मै लिखे जो मैने खत तुझे
वह आज भी मेरे पास है
वह अरमान वह जज्बात मेरे पास है
वो खत कभी तुझे दे ना सका
मैने लिखे जो खत तुझे
वह इजहार ए मोहब्बत् कभी कर ना सका
©Yogesh Kumar
खत