वक़्त रोकना चाहा था.. पर ये रुकता कहां है.. साथ चल | English Shayari
"वक़्त रोकना चाहा था..
पर ये रुकता कहां है..
साथ चलने वाला ही जीतता है..
रुका तो बहुत कुछ छूट जाता है..
छूट गया जो उसे ढूंड ना पाओगे,
चाह कर भी इसे रोक ना पाओगे..
-Ishank"
वक़्त रोकना चाहा था..
पर ये रुकता कहां है..
साथ चलने वाला ही जीतता है..
रुका तो बहुत कुछ छूट जाता है..
छूट गया जो उसे ढूंड ना पाओगे,
चाह कर भी इसे रोक ना पाओगे..
-Ishank