White बिना रुके
फिसल कर जब गिरी
तो चोट पैरों में तो नहीं आई
लेकिन....
दिल के किसी कोने में
दरकने की बिना आवाज़ के
एक दर्द भरी आवाज आई
लगा जैसे....
हृदय का कोई टुकड़ा टूट कर फर्श पर आ गिरा हो
हाथों को फ़र्श पे रख
उठी और उठकर खड़ी हुई
लोगों का ताता लग गया
हाल पूछ रहे थे मैडम चोट तो नहीं आई
हौले से सिर हिला दिया
नहीं...नहीं बिल्कुल भी नहीं
पर कुछ तो चोट खाकर चकना चूर हो गया था
जिसे बताने में असमर्थ थी
बस होठों पे बनावटी मुस्कुराहट लिए चलती चली आई
बिना रुके सांसों की रफ्तार का बिना हिसाब किताब किये
आगे बढ़ती चली आई....!!
मधु गुप्ता "अपराजिता"
©Madhu Gupta
#sad_shayari