"पिंजरे में कैद रूह की
सांस ढूंढने निकली हूँ
खामोश लबों की खोयी सी
मुस्कान ढूंढने निकली हूँ
अंधियारों में गुम लौ की
आस ढूंढने निकली हूँ
खो गयी हूँ खुद में
खुद की आवाज़ ढूंढने निकली हूँ
-alka dua"
पिंजरे में कैद रूह की
सांस ढूंढने निकली हूँ
खामोश लबों की खोयी सी
मुस्कान ढूंढने निकली हूँ
अंधियारों में गुम लौ की
आस ढूंढने निकली हूँ
खो गयी हूँ खुद में
खुद की आवाज़ ढूंढने निकली हूँ
-alka dua