मुस्कान अधूरी है तो क्या
ग़मों की क़तारों से अभी भी वाकिफ़ हैं
मंज़िलों तक पहुँचे नहीं तो क्या
रास्तों से अभी भी वाकिफ़ हैं
दर-किनार कर दिया है सभी को
मुश्किलों में जो साथ न हुआ उनसे अभी भी वाकिफ़ हैं
ख़ुशियों की कतार में सभी खड़े थे
पर जब साथ देने की बारी आई
तो जो दूर जाने वालों से भी वाकिफ़ हैं।
*Jakhi परिंदे*
©Navi बादशाह
khusi न मिली..
#evening