जितना तड़पाना चाहती हो तड़पा लो,
तुम्हें भी मेरी हर तड़प का एहसास होगा।
मेरी आँखों को आंसूओं का समन्दर बना दो,
कुछ अश्को का दरिया तुम्हारे पास होगा।
अफ्सुरदगी में मेरी धड़कनें पल - पल मरेंगी,
रुआँसा हो जाओगी तुम, दिल भी उदास होगा।
हम तो ज़ब्त - ए - आह में मुब्तला हो जाएँगें,
लेकिन कुछ ज़ब्त-ए-ग़म भी तुम्हारा खास होगा।
जानती हो चले जाएँगें हम ये दुनिया छोड़कर,
शायद तब तुम्हें मेरे दर्दों का एहसास होगा।
©Aarzoo smriti
#Jitna tadpana chahti ho...tadpa lo