यूं ही नहीं गिरते, शाख से टूट कर पत्ते, फिज़ | हिंदी शायरी Video

" यूं ही नहीं गिरते, शाख से टूट कर पत्ते, फिज़ा का मिज़ाज वो, बखूबी समझते हैं। हकीकत को जो लोग , मंजूर कर लेते हैं, वही जिंदगी की असल, खूबी समझते हैं।। ©YOGESH DHAKAD "

यूं ही नहीं गिरते, शाख से टूट कर पत्ते, फिज़ा का मिज़ाज वो, बखूबी समझते हैं। हकीकत को जो लोग , मंजूर कर लेते हैं, वही जिंदगी की असल, खूबी समझते हैं।। ©YOGESH DHAKAD

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