लिखे तो तेरे ख्याल से ज्यादा क्या लिखे हम
लिखे तो मेरे हाल से ज्यादा क्या लिखे हम
तुम ना हो तो ये सांसे भी एहसान जताती है
बताओ तुम्हे अब इस सवाल से ज्यादा क्या लिखे हम
लिखे तो तेरे ख्याल से ज्यादा
खुद को छोड़ आया में तेरे कदमों के निशानों मे
बरसती बारिश की धुन में हवाओं के फसानों में
बड़े नाजुक से शायर हम तुझे लफ्जो में छुपाते हैं
तेरी जो यादें करती हैं अब बवाल से ज्यादा क्या लिखे
लिखे तो तेरे ख्याल से ज्यादा
देखना है कब मेरे हिस्से का इतवार आएगा
सर्द सी जमी इन सांसों को तेरी बाहों मे करार आएगा
गर लिखो कभी तुम मेरे हिस्से मे इक उम्र लिख देना
बताओ मिलन के तुमसे दिन महीने साल से ज्यादा क्या लिखे
लिखे तो तेरे ख्याल से ज्यादा क्या लिखे
©Drx punam rao
#together