होंगे दुनिया मे कई रंग, मैं नहीं जानती तूने जो | हिंदी शायरी

"होंगे दुनिया मे कई रंग, मैं नहीं जानती तूने जो हमें दिखाए बस वही रंग तो देखे हैं.. इश्क़ मे नज़रअंदाजी, उपेक्षा, खामोशी, बेवफाई, गुरूर और जरूरत की पतंग बनकर खूब हम उड़े हैं... ©Manju Sharma"

 होंगे दुनिया मे कई रंग, 
मैं नहीं जानती 

तूने जो हमें दिखाए 
बस वही रंग तो देखे हैं.. 

इश्क़ मे नज़रअंदाजी, 
उपेक्षा, खामोशी, बेवफाई,

 गुरूर और जरूरत की 
पतंग बनकर खूब हम उड़े हैं...

©Manju Sharma

होंगे दुनिया मे कई रंग, मैं नहीं जानती तूने जो हमें दिखाए बस वही रंग तो देखे हैं.. इश्क़ मे नज़रअंदाजी, उपेक्षा, खामोशी, बेवफाई, गुरूर और जरूरत की पतंग बनकर खूब हम उड़े हैं... ©Manju Sharma

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