हस कर करदू कुरबा खुद को, वतन पर हा मेरी जवानी इतनी
"हस कर करदू कुरबा खुद को, वतन पर
हा मेरी जवानी इतनी सस्ती है
होगा लहू रगो में तुम्हारी
मेरी रगो में देश भक्ति है
ये ४ पंगतिया
भारत के सबसे बड़े शायरी मंच नोजोटो
के तीसरे जन्मदिवस के नाम"
हस कर करदू कुरबा खुद को, वतन पर
हा मेरी जवानी इतनी सस्ती है
होगा लहू रगो में तुम्हारी
मेरी रगो में देश भक्ति है
ये ४ पंगतिया
भारत के सबसे बड़े शायरी मंच नोजोटो
के तीसरे जन्मदिवस के नाम