दर्द से धड़कन, नींद में तड़पन
रोका भी पर रुक नहीं पाया ।
दिल ही कि बात थी, दिल ही ने
दिल को दिल से ठुकराया।
तेरी यादों में जैसे जी रहा हूं मैं
ऐसे तुम भी जिओगे बिछड़ के
जले मन तेरा भी किसी के मिलन को
अनामिका तू भी तरसे
सब्र का बंधन, सपनों का वो मन
टूटा मैं बचा नहीं पाया ।
आंखों के कसूर ने इस दिल को
दर्द में जीना सिखाया ।
जैसे सावन में, बादल रोए
बारिश बिन सिसक-सिसक के
जले मन तेरा भी किसी के मिलन को
अनामिका तू भी तरसे ।
©Pkroy
meri bheegi bheegi si again
#KishoreKumar #arijitsingh #kumarsanu #pkroy #Nojoto #oldsong प्रह्लाद परस्तिश @Anshu writer @Pooja Udeshi @BHARAT BHUSHAN ROY कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि"