बिन डुबकी कैसे मिले, रे मन सागर थाह। लहर देख लौटे | हिंदी विचार Video

"बिन डुबकी कैसे मिले, रे मन सागर थाह। लहर देख लौटे सभी, अपने अपने गाह।। सागर तो नीचे रहे, ऊपर रहते झाँग। जिससे बनते है लहर, टकराते निज राग।। धन्यवाद🙏 __संजय निराला✍️ ©संजय निराला "

बिन डुबकी कैसे मिले, रे मन सागर थाह। लहर देख लौटे सभी, अपने अपने गाह।। सागर तो नीचे रहे, ऊपर रहते झाँग। जिससे बनते है लहर, टकराते निज राग।। धन्यवाद🙏 __संजय निराला✍️ ©संजय निराला

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