White मिलकर मुझसे वो ऐसे लौट जाती है बहते पानी से | हिंदी शायरी Video

"White मिलकर मुझसे वो ऐसे लौट जाती है बहते पानी से जैसे धरा लौट जाती है ग़ालिबन उसे मोहब्बत थी किसी से समझ धूप मुझे बो झाओ लौट जाती है बहते पानी की चमकती रैत जैसी बो है आँखो आँखो मे मिट्टी सी बैठ जाती है भर आँखो मे आंशू भुलाया है उसे अब्दुल ये बरसात भी मगर शिने मे बैठ जाती है ©Khan Shahb "

White मिलकर मुझसे वो ऐसे लौट जाती है बहते पानी से जैसे धरा लौट जाती है ग़ालिबन उसे मोहब्बत थी किसी से समझ धूप मुझे बो झाओ लौट जाती है बहते पानी की चमकती रैत जैसी बो है आँखो आँखो मे मिट्टी सी बैठ जाती है भर आँखो मे आंशू भुलाया है उसे अब्दुल ये बरसात भी मगर शिने मे बैठ जाती है ©Khan Shahb

#sad_shayari मिया भाई

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