लवजिहाद...
Reels नहीं था वो...
ना ही कोई नाटक
तमाम लोगोंका आखोंके सामने
खंजर प्रहार था वो....
लव जिहाद कहो या हैवानियत....
आखोंके सामने खूनका होली खेलरहा था वो....
एक ही स्त्रीका हत्या नहीं था वो.....
परिवार, समाज और देशका ही इंसानियतका हत्या था वो.....
कभी 35 टुकड़े कभी 70 टुकड़े क्या है ये???
फल है की इंसान है ये???
कभी stove फटजाता है कभी दहेज़ कम होजाता है...
कभी चलती गाडी में बलात्कार,हत्या होता है..
. फ़िर, मोहल्ले वालोंको बच्चियों भी क्यूँ जवान लगती है.
Reels nahi tha wo..... ...
©(*ტქꫝꪖL ᵒʲʰᵃˡ )
#Problems @Satyaprem Upadhyay @_ सुहाना सफर _@ (R.J 09) R K Mishra " सूर्य " जनकवि शंकर पाल @Anshu writer @Shiwangi Vishal अब्र The Imperfect Vijay Kumar ꧁f͟a͟i͟s͟a͟l͟ j͟a͟a͟n͟i͟꧂ᴥ︎︎︎