बचपन में खूब दिखते थे मोर... खूब करते थे पीहू पीहू | हिंदी Poetry

"बचपन में खूब दिखते थे मोर... खूब करते थे पीहू पीहू मोर बरसात में कलरव करते मोर पंख फेला कर खूब नाचते मोर संध्या के पल चहकते मोर संगीत का सुर सजाते मोर नाच-नाच कृष्ण का ताज बनाते मोर मन्दिर में रखने को मोरपंखी देते मोर अब कही दिखते नहीं मोर क्योंकि... खो गया बचपन, खो गए मोर।। ©sampankaj 64"

 बचपन में खूब दिखते थे मोर...
खूब करते थे पीहू पीहू मोर
बरसात में कलरव करते मोर
पंख फेला कर खूब नाचते मोर
संध्या के पल चहकते मोर
संगीत का सुर सजाते मोर
नाच-नाच कृष्ण का ताज बनाते मोर
मन्दिर में रखने को मोरपंखी देते मोर
अब कही दिखते नहीं मोर
क्योंकि...
खो गया बचपन, खो गए मोर।।

©sampankaj 64

बचपन में खूब दिखते थे मोर... खूब करते थे पीहू पीहू मोर बरसात में कलरव करते मोर पंख फेला कर खूब नाचते मोर संध्या के पल चहकते मोर संगीत का सुर सजाते मोर नाच-नाच कृष्ण का ताज बनाते मोर मन्दिर में रखने को मोरपंखी देते मोर अब कही दिखते नहीं मोर क्योंकि... खो गया बचपन, खो गए मोर।। ©sampankaj 64

कही खो गए मोर...
#मोर #Peacock #Nojoto

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