सुनो ना,
अब दिल भरा है क्योकि बहुत इश्क़ करा है,
अब ये न कहना के तेरा दिल मेरे पास पड़ा है !!
सुनो ना,
बहुत दिन से एक बात ज़हन में थी जो आज बोलती हूँ,
मत सोचना की ये बंदी तेरे पर्दाफाश पे अडी है !!
सुनो ना,
बोहोत कैद रह लिए इश्क़ में हम,
अब आज़ादी का भूत सर पर चढ़ा है !!
सुनो ना,
मै क्या हूँ, कैसी हूँ, नियत क्या है मेरी,
मेरा ज़र्रा ज़र्रा तुमने ही तो पढ़ा है !!
सुनो ना,
जो वादे कसमें खायी थी तुमने,
क्या सच है ये कि तुमको अफ़सोस बड़ा है ??
सुनो ना,
कि बड़ा नादान थी जो समझ ना पाई तुम्हे,
ख़ुश हूँ की मेरे दिल को तुमसे अब नफरत बड़ा है !!
सुनो ना…
©Mau Jha
sad love poetry