वो हुस्न ग़ज़लों से भरी एक डायरी है,
'आशिम' की नज़रों से देखो हर बात शायरी है !
बना ज़िस्म तो रगें भी तरन्नुम में बनी,
दिल का लय में धड़कना भी शायरी है !
निगाहें मिसरे हैं लब हैं काफ़िया जैसे,
वो लटों का चूमना मुखड़ा भी शायरी है !
सुराही गर्दन से ढलकता यौवन देखो,
सांसों का उठ के गिरना भी शायरी है !
कमर के बल से बदलते मौसम सारे,
लचक के हौले से चलना भी शायरी है !
हाथ के कंगन गले का हार शायरी है,
वो नाज़ुक पाज़ेब की झनकार शायरी है !
©BROKENBOY
#hibiscussabdariffa
वो हुस्न ग़ज़लों से भरी एक डायरी है,
'आशिम' की नज़रों से देखो हर बात शायरी है !
बना ज़िस्म तो रगें भी तरन्नुम में बनी,
दिल का लय में धड़कना भी शायरी है !
निगाहें मिसरे हैं लब हैं काफ़िया जैसे,