White घुटनों की पीड़ा में जाग के सोने वाली माँ  इं | हिंदी Poetry

"White घुटनों की पीड़ा में जाग के सोने वाली माँ  इंसुलिन की गोली से ख़ुश होने वाली माँ  सिलवटी हाथों से कपड़ों को धोने वाली माँ  पापा की इक डाँट से घुट कर रोने वाली माँ  बच्चों से छुप छुप कर रोना कैसा होता है  माँ हो तुम और माँ का होना ऐसा होता है  पापा की इंटेलीजेंसी तुम पर भारी है  लेकिन तुमने प्रेम की गंगा घर में उतारी है  बाँधना घर को एक धागे में कितना भारी है  इसमें सिर्फ़ तुम्हारी ही होशियारी है  तुम को है मालूम पिरोना कैसा होता है  माँ हो तुम और माँ का होना ऐसा होता है ।। ©Ashvani Kumar"

 White घुटनों की पीड़ा में जाग के सोने वाली माँ 
इंसुलिन की गोली से ख़ुश होने वाली माँ 
सिलवटी हाथों से कपड़ों को धोने वाली माँ 
पापा की इक डाँट से घुट कर रोने वाली माँ 
बच्चों से छुप छुप कर रोना कैसा होता है 
माँ हो तुम और माँ का होना ऐसा होता है 

पापा की इंटेलीजेंसी तुम पर भारी है 
लेकिन तुमने प्रेम की गंगा घर में उतारी है 
बाँधना घर को एक धागे में कितना भारी है 
इसमें सिर्फ़ तुम्हारी ही होशियारी है 
तुम को है मालूम पिरोना कैसा होता है 
माँ हो तुम और माँ का होना ऐसा होता है ।।

©Ashvani Kumar

White घुटनों की पीड़ा में जाग के सोने वाली माँ  इंसुलिन की गोली से ख़ुश होने वाली माँ  सिलवटी हाथों से कपड़ों को धोने वाली माँ  पापा की इक डाँट से घुट कर रोने वाली माँ  बच्चों से छुप छुप कर रोना कैसा होता है  माँ हो तुम और माँ का होना ऐसा होता है  पापा की इंटेलीजेंसी तुम पर भारी है  लेकिन तुमने प्रेम की गंगा घर में उतारी है  बाँधना घर को एक धागे में कितना भारी है  इसमें सिर्फ़ तुम्हारी ही होशियारी है  तुम को है मालूम पिरोना कैसा होता है  माँ हो तुम और माँ का होना ऐसा होता है ।। ©Ashvani Kumar

#mothers_day मां ऐसी होती हैं

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